ITR Reassessment: Section 148 के तहत आपको भी आयकर विभाग से मिला है नोटिस? जान लीजिए क्या करना है?
इनकम टैक्स भरने वालों को असेसमेंट ईयर 2018-19 से अघोषित आय को बताने की डेडलाइन 31 अगस्त 2024 है. असेसमेंट ईयर 2018-19 या उसके बाद के वर्षों के लिए, अगर आपकी अघोषित आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है, तो आयकर विभाग से आपको 31 अगस्त, 2024 तक सेक्शन 148 का नोटिस मिल सकता है.
भारत में अगर आपकी आय एक निश्चित सीमा से ज्यादा है और आप टैक्स के दायरे में आते हैं तो Income Tax Return फाइल करना आपके लिए आवश्यक है. अगर ITR फाइल करने में आपसे किसी तरह की गलतियां होती हैं, तो आयकर विभाग के पास आपको IT नोटिस भेजने का पूरा अधिकार होता है. आयकर विभाग के पास आपके पुराने ITR का पुनर्मूल्यांकन करने का भी अधिकार होता है.
इसी कड़ी में इनकम टैक्स भरने वालों को असेसमेंट ईयर 2018-19 से अघोषित आय को बताने की डेडलाइन 31 अगस्त 2024 है. असेसमेंट ईयर 2018-19 या उसके बाद के वर्षों के लिए, अगर आपकी अघोषित आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है, तो आयकर विभाग से आपको 31 अगस्त, 2024 तक सेक्शन 148 का नोटिस मिल सकता है.
नियमों में हुए हैं ये बदलाव
बता दें कि पहले विभाग के पास ऐसी कार्यवाही शुरू करने के लिए असेसमेंट ईयर के अंत से 10 साल तक का समय दिया जाता था. इस हिसाब से असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए आयकर विभाग के पास 31 मार्च, 2029 तक का समय होता, लेकिन बजट 2024 ने पुराने मामलों को फिर से शुरू करने की समय सीमा को कम कर दिया है. ऐसे में असेसमेंट ईयर 2018-19 या उसके बाद के वर्षों में अगर अघोषित आय 50 लाख से ज्यादा है तो टैक्सपेयर्स को धारा 148ए और 148 के तहत IT डिपार्टमेंट से नोटिस भेजा जा सकता है. अगर आपको भी आईटी विभाग से मिला है नोटिस, तो जानिए क्या करना होगा?
समझिए नोटिस मिले तो क्या करें
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नोटिस वेरिफाई करें
यदि आपको सेक्शन 148A से कोई नोटिस मिलता है, तो देखें कि यह दी गए टाइम लिमिट के अंदर जारी किया गया है या नहीं किया गया है. इसके अलावा यह भी चेक कर लें कि यह लोकल असेसिंग ऑफिसर ने या NFAC से भेजा गया है या नहीं.
नोटिस का जवाब दें
टैक्स भरने वालों को सेक्शन 148A के तहत नोटिस का जवाब देने के लिए 7 से 30 दिनों के बीच का समय दिया जाता है. आप इस समय सीमा का ध्यान रखें और समय रहते अपना जवाब दें.
नोटिस गलत हो तो
यदि आपको लगता है कि नोटिस गलत तरीके से जारी किया गया है तो आप नोटिस का जवाब देते समय अपने जरूरी दस्तावेजों को अटैच करके सबमिट करें और अपना पक्ष रखें. ऐसे में आप आयकर विभाग से मामले को फिर से खोलने को कह सकते हैं.
10:10 AM IST